बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन को कर्नाटक हाई कोर्ट ने दिया झटका, याचिका हुई खारिज, जानें मामला

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट ने लक्ष्य, उसके परिवार और कोच विमल कुमार की जन्म प्रमाण पत्र से छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। एम.जी. नागराज ने एक निजी शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें खिलाड़ी पर छेड़छाड़ और फर्जी दस्तावेज जमा करने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि लक्ष्य सेन के माता-पिता धीरेन्द्र और निर्मला सेन, उनके भाई चिराग सेन, कोच यू विमल कुमार और कर्नाटक बैडमिंटन एसोसिएशन के एक कर्मचारी ने जन्म रिकॉर्ड में गड़बड़ी की है।
उच्च न्यायालय ने जांच का आदेश दिया।
उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले में प्रथम दृष्टया ऐसे साक्ष्य हैं जो जांच की आवश्यकता की ओर संकेत करते हैं। शिकायत के अनुसार, आरोपियों ने कथित तौर पर लक्ष्य और चिराग सेन की जन्म प्रमाण पत्र में उनकी उम्र लगभग दो वर्ष और छह महीने कम कर दी, ताकि वे आयु-प्रतिबंधित बैडमिंटन टूर्नामेंट में भाग ले सकें और सरकारी लाभ उठा सकें। नागराज ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत प्राप्त दस्तावेजों के साथ अपना दावा प्रस्तुत किया और अदालत से भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) और खेल मंत्रालय से मूल रिकॉर्ड मंगाने का अनुरोध किया। उच्च न्यायालय ने हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन को मामले की जांच करने का आदेश दिया।
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अधिक समय देने से इंकार
अदालत के निर्देश के बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी) और 471 (झूठे दस्तावेजों को असली के रूप में उपयोग करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की। हालाँकि, याचिकाकर्ताओं ने 2022 में कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर किया, जिससे जांच पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश प्राप्त हुआ। न्यायमूर्ति एम.जी. आवेदनों को खारिज करते हुए उमा ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के वकील को पर्याप्त अवसर दिया गया, लेकिन उन्होंने अपनी दलीलें पेश नहीं कीं। न्यायाधीश ने और समय देने से भी इनकार कर दिया।