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ओलंपिक में टूटे नीरज के गोल्ड के सपने को अब ये एथलिट करेगा पुरा, टोक्यो में बना डाला था वर्ल्ड रिकॉर्ड

 

पैरालिंपिक 28 अगस्त से पेरिस में शुरू हो रहा है. भारतीय पैरालंपिक टीम पूरे जोश के साथ पेरिस पहुंच गई है. उम्मीद है कि इस बार भारतीय पैरा एथलीट टोक्यो से भी ज्यादा मेडल जीतेंगे. भारतीय टीम को सबसे ज्यादा उम्मीदें सुमित अंतिल से हैं. वह भारत के लिए पुरुषों की F64 श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करेंगे। सुमित ने टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीता. इस बार वह पेरिस पैरालिंपिक में भारत के लिए उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक भी होंगे।

हरियाणा में जन्म हुआ
भारतीय पैरा एथलीट सुमित अंतिल का जन्म 7 जून 1988 को हरियाणा के सोनीपत के खेवड़ा गांव में हुआ था। उन्हें बचपन से ही खेलों में रुचि थी। लेकिन 17 साल की उम्र में एक सड़क दुर्घटना में सुमित ने अपना पैर खो दिया। इस दर्दनाक घटना के बाद भी उनका खेल के प्रति जुनून कम नहीं हुआ है बल्कि और बढ़ गया है. उन्होंने पैरा एथलीट के रूप में देश को गौरवान्वित किया। सुमित एंटिल ने इस साल (2024) पैरा वर्ल्ड चैंपियनशिप में 69.50 मीटर भाला फेंककर गोल्ड जीता है।

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टोक्यो में बना रिकॉर्ड
सुमित एंटिल ने टोक्यो पैरालिंपिक में विश्व रिकॉर्ड बनाया और 68.55 मीटर के प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद उन्होंने 2023 पैरा वर्ल्ड चैंपियनशिप में यह रिकॉर्ड तोड़ा। तब उन्होंने 70.83 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने हांग्जो एशियन पैरा गेम्स में गोल्ड जीता।

जानिए क्या है F64
केवल हाथ या पैर में विकृति वाले एथलीट ही पैरालिंपिक में भाग ले सकते हैं। ओलंपिक कमेटी में इसके लिए अलग-अलग श्रेणियां तय की जाती हैं. इनमें से एक है F64. इस श्रेणी में केवल वे पैरा-एथलीट शामिल हैं जिनके निचले पैर में समस्या है और वे कृत्रिम पैरों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।