'क्रिकेट खेलना है तो ये करना ही होगा, वरना...' ईशान किशन के करियर पर अब खुद BCCI ने लटकाई तलवार
क्रिकेट न्यूज डेस्क।। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने सोमवार शाम को एक बड़ा फैसला लिया है। बीसीसीआई ने उन खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी के अगले दौर में खेलने का निर्देश दिया है जो टीम इंडिया से बाहर हैं और फिट होने के बावजूद अपने राज्य की टीम के लिए रणजी ट्रॉफी नहीं खेल रहे हैं. ये खिलाड़ी टीम में वापसी और इंडियन प्रीमियर लीग की तैयारी के लिए अलग-अलग जगहों पर प्रैक्टिस कर रहे हैं. जिसके चलते बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के बीच अनुशासन बनाए रखने के लिए आदेश जारी कर राज्य की टीमों में उनकी भागीदारी अनिवार्य कर दी है.
इसका मतलब यह है कि ईशान किशन को अब 16 फरवरी से शुरू होने वाले रणजी ट्रॉफी के दूसरे चरण में झारखंड का प्रतिनिधित्व करना होगा. जो खिलाड़ी हाल ही में टीम इंडिया का हिस्सा नहीं थे या बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में पुनर्वास से गुजर रहे हैं, उन्हें सोमवार को ईमेल के जरिए सूचित किया गया। बीसीसीआई द्वारा जारी निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि खिलाड़ियों को 16 फरवरी से शुरू होने वाले रणजी ट्रॉफी मैचों के अगले दौर के लिए अपनी संबंधित राज्य टीमों में शामिल होना आवश्यक है।
ईशान को रणजी ट्रॉफी खेलनी होगी
आपको बता दें कि टीम इंडिया से बाहर होने के बाद ईशान किशन ने आईपीएल की तैयारी के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना बंद कर दिया था. फिलहाल वह बड़ौदा में पंड्या ब्रदर्स के साथ प्रैक्टिस कर रहे हैं. बीसीसीआई के आदेश के बाद अब उन्हें 16 फरवरी से राजस्थान के खिलाफ झारखंड के लिए खेलना है. यह मैच जमशेदपुर में खेला जाएगा. सिर्फ ईशान ही नहीं बल्कि दीपक चाहर, क्रुणाल पंड्या जैसे अन्य खिलाड़ियों को भी अपनी रणजी टीम का प्रतिनिधित्व करना है.
अय्यर को भी बीसीसीआई का निर्देश
बीसीसीआई का नोटिस श्रेयस अय्यर पर भी लागू होता है, जिन्हें हाल ही में खराब फॉर्म के कारण टीम इंडिया से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। अय्यर पिछले दो साल से लाल गेंद क्रिकेट में संघर्ष कर रहे हैं और रनों के लिए बेताब हैं। पिछले 6 मैचों में वह एक भी अर्धशतक नहीं लगा सके. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, "खिलाड़ी सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट या आईपीएल को प्राथमिकता नहीं दे सकते। उन्हें खुद को घरेलू क्रिकेट के लिए उपलब्ध रखना होगा और अपनी संबंधित राज्य टीमों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करना होगा।"