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चैंपियंस ट्रॉफी के लिए अगर भारत पाकिस्तान नहीं गया तो PCB के साथ ही ICC की डुबेगी लुटिया

 

क्रिकेट न्यूज़ डेस्क ।। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ा त्योहार है। जब भी ये दोनों टीमें मैदान पर उतरती हैं तो उत्साह चरम पर होता है और इस प्रतिद्वंद्विता से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को काफी फायदा होता है। लेकिन, अगर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) 2025 में पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम भेजने से इनकार कर देता है, तो आईसीसी को करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है।

खतरे में है भारत-पाकिस्तान मैच का भविष्य!
रिपोर्ट्स के मुताबिक बीसीसीआई ने संकेत दिया है कि टीम इंडिया इस टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान नहीं जाएगी. अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने जवाब में बड़ा कदम उठाने का इरादा जताया है. पीसीबी का कहना है कि अगर भारत चैंपियंस ट्रॉफी का दौरा नहीं करेगा तो वे 2025 से 2031 के बीच भारत के खिलाफ किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगे। इसका मतलब है कि भविष्य में भारत-पाकिस्तान जैसे रोमांचक मैच कम ही देखने को मिलेंगे, जिसका आईसीसी की वित्तीय स्थिति पर बुरा असर पड़ेगा।

भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता पर आईसीसी की निर्भरता
ICC पिछले कुछ समय से भारत और पाकिस्तान के बीच मैचों को बढ़ावा देकर अपना राजस्व बढ़ा रहा है। दोनों देशों को एक ही ग्रुप में रखा गया है ताकि वे हर टूर्नामेंट में एक-दूसरे का सामना कर सकें. हाल ही में ICC ने 2024-27 चक्र के लिए 3.2 बिलियन डॉलर (लगभग 27007 करोड़ रुपये) के प्रसारण सौदे पर हस्ताक्षर किए। इन मैचों से होने वाली कमाई से न सिर्फ आईसीसी बल्कि अन्य क्रिकेट बोर्डों को भी फायदा होता है। अगर भारत और पाकिस्तान के बीच ये मैच रोक दिए गए तो भविष्य में ICC की ब्रॉडकास्ट डील की वैल्यू घट सकती है.

भारत-पाकिस्तान मैच का क्रिकेट में योगदान
क्रिकेट में भारत-पाकिस्तान मैचों का योगदान केवल खेल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इनकी मौजूदगी क्रिकेट के आर्थिक पहलुओं को भी मजबूत करती है। 2023 में भारत में हुए वनडे वर्ल्ड कप के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच को 40 करोड़ से ज्यादा दर्शकों ने देखा था. ये आंकड़ा बताता है कि लोगों में इस मैच के प्रति कितना जुनून है. ऐसे मैचों से आईसीसी को बड़े प्रायोजकों और दर्शकों से समर्थन जुटाने में मदद मिलती है।