‘साइकॉलोजिस्ट की जरूरत पड़ेगी’ IPL 2025 के बीच रविचंद्रन अश्विन को सताने लगा ये डर

टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन जब भी क्रिकेट से जुड़ी कोई बात करते हैं तो वह चर्चा का विषय बन जाती है। अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से बल्लेबाजों को परेशान करने वाले अश्विन क्रिकेट से जुड़े कई पहलुओं का जिक्र करते हैं, जो सबका ध्यान खींच लेता है। इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके अश्विन फिलहाल आईपीएल 2025 में व्यस्त हैं। टूर्नामेंट को शुरू हुए अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ है और अश्विन ने कुछ ऐसा कह दिया है, जिसने सभी को चौंका दिया है। इस अनुभवी गेंदबाज ने कहा है कि आईपीएल में जिस तरह से बल्लेबाजी चल रही है, उसे देखते हुए जल्द ही हर गेंदबाज को अपने साथ एक निजी मनोवैज्ञानिक की जरूरत पड़ेगी।
टी-20 क्रिकेट में बल्लेबाज लगातार विस्फोटक अंदाज अपना रहे हैं। टी-20 लीग और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी कई तरह के नियम लागू किए गए हैं, जो बल्लेबाजों के लिए मददगार साबित हुए हैं। खासकर आईपीएल में तो पिछले सीजन से ही बड़े स्कोर की बरसात हो रही है। सनराइजर्स हैदराबाद ने पिछले सीजन में 277 और 287 रन बनाकर सबको चौंका दिया था। इस सीजन के दूसरे मैच में इस टीम ने 286 रन बनाकर फिर अपने इरादे जाहिर कर दिए। इस बात पर लगातार बहस चल रही है कि कौन सी टीम पहले 300 रन का आंकड़ा पार करेगी।
गेंदबाजों को मनोवैज्ञानिक की जरूरत होगी
यह सब देखते हुए गेंदबाजों के लिए मदद की मांग भी शुरू हो गई है। जबकि अश्विन ने इसे गेंदबाजों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बताया है। महान भारतीय स्पिनर ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक चर्चा के दौरान इसका जिक्र भी किया। रक्षात्मक गेंदबाजी पर उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए अश्विन ने कहा, "मैं इस बारे में बात करना चाहता हूं। मुझे लगता है कि गेंदबाजों को जल्द ही एक निजी मनोवैज्ञानिक की जरूरत पड़ेगी। मैं वास्तव में ऐसा महसूस करता हूं। लोग कह रहे हैं कि गेंदबाज रक्षात्मक हो गए हैं। हम इस तर्क को स्वीकार करते हैं लेकिन कुछ मौकों पर गेंदबाजी पूरी तरह असंभव हो गई है।"
6 मैचों में 133 छक्के लगाए, 6 बार 200 छक्के
ऐसा कहने वाले अश्विन पहले गेंदबाज नहीं हैं। इस टूर्नामेंट के दौरान दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज तेज गेंदबाज कागिसो रबाडा ने भी गेंदबाजों के पक्ष में परिस्थितियां बनाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि अगर केवल बड़े स्कोर ही बनाए जाएंगे तो क्रिकेट उबाऊ हो जाएगा और इस खेल को क्रिकेट कहने के बजाय 'बल्लेबाजी' कहना बेहतर होगा। इस सीजन की बात करें तो ऐसा सिर्फ शुरुआती 5-6 मैचों में ही देखने को मिला है। अब तक खेले गए 6 मैचों में 6 बार स्कोर 200 से अधिक रहा है। खास बात यह है कि ये 6 स्कोर सिर्फ 3 मैचों में ही हासिल किए गए हैं, यानी मैच की दोनों पारियों में 200 का आंकड़ा पार किया गया है। इतना ही नहीं, 74 मैचों के सीजन में अकेले छठे मैच तक 133 छक्के और 205 चौके लग चुके हैं, जिससे पता चलता है कि गेंदबाजी बेहद मुश्किल हो गई है।